वह माला थे मोती के, संग रह देश की शोभा बढ़ा गए।
काम पूरा हुआ तो बिखरे से, इसी धरती में समा गए।
भगत, मंगल, लक्ष्मी संग, आए.एन.ए ने भी लड़ी लड़ाई थी,
आज जो देश देख रहे हो तुम, वह उन्हीं की कमाई थी।
भूल गए सब लोग, क्यों यह नाइंसाफ़ी है?
क्या बस एक बार, याद कर लेना ही उनके लिए काफ़ी है?
-- Shreya Lal
June 06, 2022
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Hindi
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