Monday, 6 June 2022

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काफ़ी है?



वह माला थे मोती केसंग रह देश की शोभा बढ़ा गए।

काम पूरा हुआ तो बिखरे सेइसी धरती में समा गए।
भगतमंगललक्ष्मी संगआए.एन.ए ने भी लड़ी लड़ाई थी,
आज जो देश देख रहे हो तुमवह‌ उन्हीं की कमाई थी।
भूल गए सब लोगक्यों यह नाइंसाफ़ी है?
क्या बस एक बारयाद कर लेना ही उनके लिए काफ़ी है?


-- Shreya Lal

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